गुरुवार, 3 सितंबर 2009

हालाते हाजिरा

दू टा पोस्टिंग बी.एस.एन.एल. के भेंट चढि गेल.....रहै छै_रहै छै नेटक कनेक्शने गायब भ' जाइ छै। सब मना करैत रहय ।सभक रायक विरुध्ध हम बी.एस.एन.एल. कनेक्शन लेलंहु, आब भोगै छी।कैकटा पोस्टिंग मेटा गेल। शाश्वती कोसी क्षेत्र स' घुरली है आ बिहारक, एत्ते तक जे कोसी क्षेत्रक सेहो विकास देखार रूपे भ' रहल छैक एहन हुनका लगलनि।विकासक बयार हमरा एत्त' पटनोमे लागल अछि। भ' त' रहल छै विकास , मुदा भैये रहल छै ! कहिया स' भ' रहल छै आ कहिया तक हेतै...से के कहत। एखन तीन साल भेलनि अछि आ पटनोक सडक निर्माण ने पूरा भेलनि अछि। कहिया तक सडक बनि सकतनि; सेहो कहैबला क्यो ने अछि। स्वर्गीय जयप्रकाशनारायणक सब चेला 'लुम्पेन' , सब चेला फेंकैबला, अपने भ्रष्ट नहियों हुए, भ्रष्टाचारी सब स' घेडायल रहबे करत, जत्ते काज नहि करत ओकर दोबड हांकत। तैं शाश्वती के बेसी उत्फुल्ल नहि हेबाक चाहियनि। जे काज भ' रहल छैक से बिना पैसा खेने भ' रहल छैक, एकर पता एखन थोडे लगतै ? ओ त' नितीश जी के गेलाक बादे टेर लगतै । दोसर विकराल प्रश्न ई छै जे बिहारमे चलि रहल विकास कार्यक गुणवत्ता केहन छै ? इहो समये कहत, नँइ ?

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