शनिवार, 26 मार्च 2011

गते बहुतरे काले.....

बहुत दिन बीत गेलै, दिन के की ?बितबे लए छैक काल । जे अबाध गति स'चलल जा रहल छै।
सैह देख क' ने कविगण एकरा 'ओल्ड फादर टाइम,टाइम,टाइम !' लिखलखिन । हमर घर मे एक जनी एहनो छथि जे बिना पढ्ने-लिखने नोबेल पुरस्कार विजेता प्रो.हाकिंस के मातु क' देलखिन । ओ सूर्यक जन्म दिन मनबैत छथि...जखन की सूर्यक निर्माण,की सूर्यक उत्ताप कहिया शुरू भेलै ? ई बडका-बडका पदार्थ विज्ञानीयों के पुछबनि त' गोंगियै लगता। मुदा हुनका बुझल छनि जे सूर्य देवता कहिया जनमला। हमर मुंह स' अनायासे निकलि गेल--वाह !