सोमवार, 16 अगस्त 2010

आम जन

विचित्र बात, नंइ पार्ट्नर ! अहीं कहू जे जाहि देश मे अभूतपूर्व बाढि मे अपार धन-जन तबाह भेल हुए,तेकर राष्ट्रपति विदेश विचरैलए जेतै ? जरदारी सनक भ्रष्ट जं' नेता रहत त' यैह हैत ।
ग्लोबल वार्मिंग अथवा प्रकृतिक संग भेल अत्याचारक कारणें किछु तेहन प्राकृतिक आपदा सब आबि रहल छै जे अहि पर कोनो अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर विचारक तत्काल जरूरति छै । ओना टेढी मे पाकिस्तानक जबाब नंइ छै, मुदा एखन सब किछ
बिसरि क' भारत के पडोसियाक धर्म निभेवाक चाही--आ पाकिस्तानक बाढि पीडित जनता के काहत मे राहतक वस्तु जात ल' क' ठाढ हेबाक चाही । मुदा एत' एकटा फ्यौ छै । पाकिस्तान सरकार अंतर राष्ट्रीय समुदाय के पछिला दिन आयल भूकंपक समय तेना ठकने छै जे क्यो हठें सहायता दइ लए तैयार नंइ होइ छै । फेर ककरा देतै ? सरकार के,
पार्टी के कि सेना के... आ कि लश्कर,हूजी सन छद्म संगठन के ? फेर अहि 'इम्दाद'के पाकिस्तानी सबहक मुख्य
"टाइम-पास" भारतक संग लडाइक तैयारी मे नंइ लगा लेतै तेकर की गारंटी ?पाकिस्तानी सरकार आ अंतृराष्ट्रीय
बिरादरीक उपेक्षा मे मरि रहल छै पाकिस्तानक आम-जन । अइ 'मेस' के लाभ पाकिस्तान मे सरकारी सह पाबि क'
फल-फूलि रहल आतंकवादी संगठन सब उठा रहल हुए त' कोन आश्चर्य ! हमरा त' लगैत अछि जे पाकिस्तानक
लोको के यह मार-काट,उठा-पटक चाही । तैं ने जरदारी सनक लोक सत्ताक शीर्ष पर बैसल छै !

सोमवार, 9 अगस्त 2010

" किछु नंइ-- कहां किछु !"

नंइ, किछु नंई । कहां किछु ? कत्तौ किछु होइत होइ से कहाँ बुझना जाइत अछि । सब किछु
चर्वित-च्रर्वण सन लगैत अछि । ककरा कहबै...के पतियैत....अहांक हाथ साहित्य रचैत-रचैत पं.गोविंद झाक हाथ
कियैक ने बनल जाइत हो....जत'पद...पाइ...आ प्रतिष्ठा के सवाल हेतै त' वैह....विभुती नारायण सिंह सनक
लोक भैंस चांस्लरो (वाइस चांसलर )बनल रहत--- भले सब महिला लेखिका के खुले आम " छिनारि" कियै ने कहथुन
हमरा त'इहो आश्चर्य होइये जे "सिंह साहेब" अपन लेखिका पत्नी के की बुझै छथिन...वैह...छिनारि ?
इम्हर अल्पसंख्यक (कियैक मुसलमान कहियै !) वोटक राजनीति मे बंग्ला लेखिका तस्लीमा नसरीन के पूबक प्रसिध्ध देश
'भारत दैट इज इंडिया' सब धर्म निरपेक्षता घोसडि गेल सन लगैत अछि । कारण मात्र एकटा--आधुनिक शिक्षा मे पढल-
गुनल लोक कोनो धर्मक संकीर्णताक विरोध त' करबे करतै ? इस्लामी कट्टरपंथी के की चाही । तस्लीमा नंइ, डा.तस्लीमा
दर-दर के ठोकर खा रहल छथि, आ बुध्धिजीवी, खासक' बंगालक ओ जुझारू बुध्धिजीवि ब्राजीलक मुद्दा त' उठा सकैत
छथि...एत' त' मामले दोसर छै । धुर मर्दे! अहू सबमे क्यो पडय ? नंदीग्राम की पूरा जंगळ महाल मे की भ' रहल छैक क्यो कहिसकै अछि ? ममता, बुध्धदेब,की के ? तैं किछु नंइ...कहां किछु !