रविवार, 10 अक्तूबर 2010

एतेक रास बात--- कतेक रास बात !

टेक्नोलौजी अहांके पंगु बना देत,अहां के भंगठिक'तेना काटि देत जे अहां बुझबो ने करबै आ अहाँक कतल भ' गेल रहत । आब यैह देखियौ जे मसावधि भेलै, तखन जा क' इंटर-नेट व्यवस्थित भ' सकल आ हमरा लोकनि मे फेर गप संभव भ' सकल। इंटर-नेटक दुनियाँ मे एक तरहक नंइ, नाना प्रकारक भ्रष्टाचार छैक, अफसर,उद्योगपतिक तेहन दुरभि--संधि छैक--जे अहांक नाकक नीचा देने दही बंटाइत रहत आ अहां के पता तक नंइ!मुदा ब्लौग लिखै लएत' इंटरनेटा त' चाही ? जे से...अइ बीच मे भेलै त' से सब जे लिख लागब त'उपन्यास लिख' पडत । लिखलखिन अमर जी जे..."विष्ठी लए दंतखिष्ठी जकरा--जोडा बडद द्वार पर तकरा...।" से खेल सुरुओ ने भेल रहै. खेलाडी सब आएलो ने छलै कि दुनियाँक मीडियाके दिल्लीक खेल गांव मे सांप-बिछ्छू भेट' लगलै, सब देश' खास क' भारतक असली दुश्मन इंगलैंड्क मुख्य भंसीया चिचियेलै भारत बुते राष्ट्रमंडल खेल आयोजित कैलनंइ हेतै...अष्ट्रेलिया आ दांत मे फंसल सुपारी बरोबरि देश न्यूजीलैंडोके एत' असोकर्ज हेबाक संभावना बुझेलै । अपने भले कोनो होस्टल कि कोनो गोदाम मे खेलाडी कियैक ने ठहरेने हुए...मैंचेस्टर मे की भेलै से लोक बिसरलैये ? बिसरैक बात छैक ?...से आइ आठम दिन चियै... इंग्लैड कि औष्ट्रेलिया...कहां ककरो चौ अलगलै...कहां किछु भेलै...आइ त' आठ दिन भेलै कहां ककरो सांप डंसलकै कि कहां कक्रो दें&गु भेलै ।अंतराष्ट्रीय बिरादरी, तहूमे गोरका चमडी बला के अपन देश के मोजर दै मे बड अधलाह लगै चई..खास क' अगंरेजक घराइनक जुना त' जरि गेल छै...भारतक सामने औकाति त' छै नंइ...रहि गेल छै बस अ‍ॅईंतःई ।





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