saketanands
शनिवार, 6 मार्च 2010
जे जीबे से .....
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ओस्तादी खिस्सा
जीबी त' की की ने देखी
दैया कहां गए वो लोग !
दैया कहां गए वो
जे जीबे से .....
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मेरे बारे में
साकेतानन्द नवहटिया
जीवनमे जे शुभ, जे सुन्दर छैक हमरा ओसब पसिन्न अछि । हमर जँ चलैत त' कोनो एहन वाद, कि एहन व्यवस्था कैल जैतै जाहिमे क्यो दुखित , शोकित नहि होइतै । मुदा मनुक्ख एहन कोनो वाद कहाँ तकलक अछि ? तैं, जे जतबा भ' सके; ओकरे पर्याप्त बुझबाक चाही।
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