काल्हि सुभाषक कथा संग्रहक गप करै छलंहु । किताबहमारा भेट गेल अछि, मुदा जिनका(भाइ राजमोहनजीके) समर्पित चानि हुनका नहि पहुंचल र हनि। हम सुभाषक समर्पॅण भाइ साहेब के पढि क' सुनलियनि। 'घरदेखिया'क मुख पृष्ठ बनेबाक चर्चा छै, मोन पाडि प्रसन्न भेला भाइ साहेब।
हाले मे शाश्वती कोसी क्षेत्र नौहट्टा स' फिरली है । आब नितीश कुमारक काज देखार भ' रहल छनि । मुदा, शहरक काज हुए कि गामक, काजक ने गति अछि आ ने ओकर गुणवत्ते। ओना शाश्वतीक रिपोर्टिंग नीक लागल। ओहू स' नीक हुनकर खींचल कोसी क्षेत्रक फोटो लागल । पता नँइ कोसीक मारल, झमारल लोकक कोन गति हेतै...के सुधि लेतै ? की हमरा लोकनि सब साल अहिना अनिश्चिततामे, तोपक मुहाना पर भरि बरसात बैसल रहबै ? के कहत?
आ कि यैह, जे एत्ते_एत्ते लाखों_करोडों के खर्चमे क्यो माल नहि बनौने हेतै ! ई सब त' नेताक हंटलाक बाद ने पता चलै छै ? एखन ई के कहत ?
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