इंडिया...लैंड औफ राजाह,साधू,सर्पेंट एंड रोप ट्रिक. अइ ठाम हमरे अधलाह नंइ लगिते त'गोरका मुंहबला बानर ले विखिन्न सनक गारि लिखितियै। एक त' हमरा सब हिंदुस्तानीक दुर्भाग्य जे एखनंहु विलायतक राज मे बसैबला देश सब लेल आयोजित राष्ट्रमंडल खेल आयोजित करै लेल उताहुल रहै छी । तै लेल सात हजार करोड रुपैया(इंग्लैंडक द' क्वीन के त' खजाना मे एते हेतनि कि नंइ तहू मे संदेहे)खर्च करू आ तकर बाद न्यूजीलैंड की ईंग्लैंड सनकपिद्दी देश जे खेलाडी के होस्टेल मे कि गोदाम मे ठहरबैत आयल अछि; तकर उलहनो सहू? की त' खेल-गांव रह' योग्य नंइ अछि । आइ 17 अक्टूबर छियै...जे खेलाडी दिल्ली आयल रहे से गेल । आलीशान खेल गांव मे ठाठ स' रहल...नौ-छौ खेलक...अंतराष्ट्रीय
स्तरक ट्रेनिंग आ प्रैक्टिस के सब सरंजाम रहै...जमि क' खेलेलक...जीतल--हारल...नव-नव हीरो बनल...वर्षक हीरो जीरो बनल...हरे-हरे क'क'अपन देश जाइ गेल । ने ककरो सांप कटलकै...ने ककरो कुकूर। ने ककरो डेंगू भेलै ने पाकिस्तानी आतंकवादी सब बुते किछु कैल भेलै । मार्क फनेल कि अपराधीक देश अष्ट्रेलिया, कि टुट्पुंजिया देश ब्रिटेन के
अपन मुंह सम्हारि क' बजबाक चाही। अंग्रेज घरानि एखनंहु एत' अबैये आ अपन राजक खुमारी मे डूबि जाइत अछि...से कोनो नीक बात नंइ छियै। कोनो रानी कि राजा के भारतक राष्ट्र्पतिक सामने किछु करबाक कोनो अधिकार नंइ छनि...क्वीन औफ इंग्लैंडक कोन कथा हुनकर बापो के नंइ !
रविवार, 17 अक्तूबर 2010
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