बुधवार, 26 मई 2010
बुधवार, 19 मई 2010
किछु अकारण नंइ !
किछु नंइ-- दुनियाँक कोनो काज अकारण नंइ! ने बिना कारणे टिटही बजै छै आ ने बैदजीकघोडे
चलै छनि । अहि युग मे दर्शनक आन जे कोनो पक्ष स्पष्ट नंइ हुए, मुदा 'कार्य्-कारण सिध्धांत' धरि एक दम स्पष्ट छैक इस हाथ ले, उस हाथ दे ! बड़-बड जनके भांसल जाइत देखने छियनि। हामर माथ मे माया चक्कर काटि रहल अछि। मनुषयक बनाओल पैसा, हमरा सबहक मनःस्थिति के कोना प्रभावित करैछ ? ओकरा में कोन गुण छैक ? यैह ने जे ओ किछु सुविधाकीन सकैत अछि...ओहो सब नंइ, मात्र किछु ? देख' हौ महादेव, तखन कियैक भरि जीवन ओकर तावेदारी ? पाइ रहने अहाँ ओकर भोग क' लेब तकरो कोनो गारंटी नंइ...घर बना क' रहि लेब; सेहो जँ लिखल हैत,तखनंहि । सेहो हैत सब किछु समये पाबि क'ने यौ ? तैं बेसी रौह बचवा जेकाँ तडफडाबी नंइबेसी।...अधिक लोभ बगुलबे किन्हा,छन मे प्राण स्ररग चल गिन्हा।' हेबाक पूर्ण संभावना! तैं ओतबे खाइ जे जुरय,रुचे आ पचे । अपन अहि सब
सिध्धांत सब पर चलि क'हम कहियो पाछतायल होइ एहन बात नंइ । हमरा जनैत सब के सांसारिकता निमाहैक सेहो किछु
सिध्धांत होइ छैक किंबा हेबाक चाही...आ कि नंइ ?
चलै छनि । अहि युग मे दर्शनक आन जे कोनो पक्ष स्पष्ट नंइ हुए, मुदा 'कार्य्-कारण सिध्धांत' धरि एक दम स्पष्ट छैक इस हाथ ले, उस हाथ दे ! बड़-बड जनके भांसल जाइत देखने छियनि। हामर माथ मे माया चक्कर काटि रहल अछि। मनुषयक बनाओल पैसा, हमरा सबहक मनःस्थिति के कोना प्रभावित करैछ ? ओकरा में कोन गुण छैक ? यैह ने जे ओ किछु सुविधाकीन सकैत अछि...ओहो सब नंइ, मात्र किछु ? देख' हौ महादेव, तखन कियैक भरि जीवन ओकर तावेदारी ? पाइ रहने अहाँ ओकर भोग क' लेब तकरो कोनो गारंटी नंइ...घर बना क' रहि लेब; सेहो जँ लिखल हैत,तखनंहि । सेहो हैत सब किछु समये पाबि क'ने यौ ? तैं बेसी रौह बचवा जेकाँ तडफडाबी नंइबेसी।...अधिक लोभ बगुलबे किन्हा,छन मे प्राण स्ररग चल गिन्हा।' हेबाक पूर्ण संभावना! तैं ओतबे खाइ जे जुरय,रुचे आ पचे । अपन अहि सब
सिध्धांत सब पर चलि क'हम कहियो पाछतायल होइ एहन बात नंइ । हमरा जनैत सब के सांसारिकता निमाहैक सेहो किछु
सिध्धांत होइ छैक किंबा हेबाक चाही...आ कि नंइ ?
रविवार, 9 मई 2010
ह्मरअपराध,हुनक नहि दोष !
हमर ब्लौग पढै बला सब ब्लौगबंधु ! ह्म अनुपस्थित छ्लंहु तै मे हमर दोष रहै, ई
कह्ब ह्मर संगे अत्याचार हैत । हम मन मसोसि क’ अपन देश भक्ति आ देश प्रेमक गला मोंकै मे लागल रही । सत्य ज’ पूछी त’ कंप्यूटर किनलाक डेढ बर्खक बाद हम बी.एस.एन.एल.क डाटा कार्ड लेने रही जे कोनो ‘मोदी,तोदी, बाटा ,टाटा के पाइ देबा स’नीक सरकारी बी.एस.एन.एल.के पाइ दियै । मुदा दू साल स’ ई हाथीक दांत बनि
गेल छल । पछिला दिन ओकरा स’ फारकती पायल । आब कने सुस्ते शी, कनेक्शन त’ रहये ! ई बिहारे नंइ पूरा देश मे, सबतरि काज करत। ई अपना आप मे बहुत सुख
पहुंचबैला तथ्य अछि । कत’ सुदूर देहातक, कोसिकन्हाक नौह्ट्टा आ ओत’ इंटरनेट ? की आश्चर्यो ? अर्धंग डाक्तर (स्व.डाक्टर अर्धेंदु शेखर घोष) किंबा डा. मकुर्जी (मुखर्जी) कि अपन सुपति नाथ घोष स’ ज’ पुछितियनि त’ यैह कहितथि....” उरे बाबा ! की आश्चर्यो ? लेकिन यथार्थ मे स्थिति यैह छै । मोबाइल, इंटरनेट स’ दूरी जत्ते घटलैक अछि, मोनक, स्नेह्क ओतबे कमी, आपकताक त’ सर्वथा लोपे भ’ गेलैक अछि। सबहक मूल्यांकन ओकर गुण अवगुण स’ नहि, ओ कोना येनकेन प्रकारेण,
अहांक काज क’ सकैत अछि, अहि पर निर्भर छैका
कह्ब ह्मर संगे अत्याचार हैत । हम मन मसोसि क’ अपन देश भक्ति आ देश प्रेमक गला मोंकै मे लागल रही । सत्य ज’ पूछी त’ कंप्यूटर किनलाक डेढ बर्खक बाद हम बी.एस.एन.एल.क डाटा कार्ड लेने रही जे कोनो ‘मोदी,तोदी, बाटा ,टाटा के पाइ देबा स’नीक सरकारी बी.एस.एन.एल.के पाइ दियै । मुदा दू साल स’ ई हाथीक दांत बनि
गेल छल । पछिला दिन ओकरा स’ फारकती पायल । आब कने सुस्ते शी, कनेक्शन त’ रहये ! ई बिहारे नंइ पूरा देश मे, सबतरि काज करत। ई अपना आप मे बहुत सुख
पहुंचबैला तथ्य अछि । कत’ सुदूर देहातक, कोसिकन्हाक नौह्ट्टा आ ओत’ इंटरनेट ? की आश्चर्यो ? अर्धंग डाक्तर (स्व.डाक्टर अर्धेंदु शेखर घोष) किंबा डा. मकुर्जी (मुखर्जी) कि अपन सुपति नाथ घोष स’ ज’ पुछितियनि त’ यैह कहितथि....” उरे बाबा ! की आश्चर्यो ? लेकिन यथार्थ मे स्थिति यैह छै । मोबाइल, इंटरनेट स’ दूरी जत्ते घटलैक अछि, मोनक, स्नेह्क ओतबे कमी, आपकताक त’ सर्वथा लोपे भ’ गेलैक अछि। सबहक मूल्यांकन ओकर गुण अवगुण स’ नहि, ओ कोना येनकेन प्रकारेण,
अहांक काज क’ सकैत अछि, अहि पर निर्भर छैका
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